सभ्भाता के असा काल रहे की शिक्षा का बहुआयामी महत्त्व रखने
क्योंकि शिक्षा द्वारा ही वाक्ति को मौलिक संसाध्यात्मिक उत्तम सम्भव है कि
साथ ही इससे व्यक्ति विभिन्न आदायित्वों को किया निर्वहन करता है। वहा
જ્ઞાન અથવા વિદ્યારે આછિત માં સરે એવું આપણ) શૌહર સો) પિાં છે. આતા હૈ.
क्यो नहवाल सम्वन होकर देवतुल्य हो जाता है।
प्राचीन काल से ही विज्ञान की शिक्षा प्रदान करने के लिए शिन्ने सहम्मन केंद्र स्थापित किए गए हैं। में रामसुभम (लेकिन महावाचारम् संस्कार यह माद* है। मज़ोन सैम महोर्यतजी ने स्थापित किया अगर गामी / यवन के हमाम बगुला अंतर प्रगति-पभ श्री जय 27! राष्ट्रीय सेवा योजना पुनः कर्तव्य विकास के मद्देनजर सभी सेटज़ेन मेरी जी आमरे / हेनियन राष्ट्र्रिम हेरा मोना में माताभान के विधार्थी भौ यह छात्रों की वार्षिक प्रतियोगिता, अतिंती खाक-कुड की एथलेटिक मीट में भी किया जाता है। आप केल गैल से नाद नादिर हान गिमेरी नाद नहीं हैं
को सुझाव अपेक्षित है